Tuesday, February 26, 2008

फ़ोटो अपडेट: गोरखपुर फिल्म फेस्टिवल

तीसरा गोरखपुर फिल्म उत्सव अपने तयशुदा कार्यक्रमानुसार चल रहा है. देखिये कुछ तस्वीरें-
कुछ और हाल-हवाल यहाँ और यहाँ भी देखा जा सकता है. सारी तस्वीरें मनीष चौबे की मेहनत से हम तक पहुँची


सुबर्णरेखा, ऋत्विक घटक


एक दर्शक अपनी राय दर्ज करता हुआ


युगमंच नैनीताल की प्रस्तुति-नाटक जारी है



एमएस सथ्यू अशोक चौधरी से बात करते हुए


डॉ. साधना गुप्ता और सथ्यू साब


रंगकर्मी परनब अपनी प्रस्तुति नंदीग्राम प्रोजेक्ट के साथ


नंदीग्राम प्रोजेक्ट और परनब


बच्चों की फिल्मों का ख़ास दिन


युगमंच के नर्तक उत्तराखंड के लोकनृत्य पेश करते हुए




कुछ और तस्वीरें-----









































Sunday, February 24, 2008

फ़िल्म फ़ेस्टिवल में आज का दिन रहा बच्चों के नाम!

एमएस सथ्यू ने भी माना कि उन्होंने दुनिया भर के फिल्म उत्सवों से अलग एक नई ऊर्जा का संचार महसूस किया है. वे गोरखपुर फिल्म उत्सव में मुख्य अतिथि हैं और फिल्म प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र.
आज का दिन युगमंच नैनीताल के नर्तक दल की नृत्य प्रस्तुतियों और लोकगीतों से हुआ. उत्तराखंड के नृत्य सबको बहुत भाए.
बच्चों के लिये आज ख़ास दिन था.आसमान गिर रहा है(एनिमेशन), गौरैया की चंपी, ईरानी फिल्म चूरी,सत्रह छोटी फ़िल्मों की शृंखला ओपेन अ डोर, गा-गा-गा, हेलो, एक गुड्डॆ के कारनामें और चार्ली चैप्लिन की द किड देखने कोई ढाई सौ बच्चे अपने अभिभावकों के साथ आए और मस्त होकर लौटे. आज के दिन के कार्यक्रमों का संचालन भी बच्चों के हाथ था. हमने उन्हें नन्हीं पतंगें और छोटे उपहार भी दिये. बाक़ी खाना पीना और मस्ती.
रात कोई तीन घंटे लंबी बातचीत भी वीडियो पर रिकॉर्ड की गई जिसमें सथ्यू साहब के साथ वीरेन डंगवाल, रामजी राय, प्रणय कृष्ण, मंगलेश डबराल और योगेंद्र आहूजा समाज और सिनेमा के गहरे प्रश्नों पर विचार करते रहे.

Saturday, February 23, 2008

गोरखपुर में फिल्म उत्सव शुरू

बीती रात गर्म हवा के निर्देशक एमएस सथ्यू कोई एक सौ प्रशंसकों से घिरे रहे. कल ही था उद्घाटन सत्र. फेस्टिवल की ओपनिंग फिल्म गर्म हवा के साथ 23-24-25 और 26 फ़रवरी तक चलने वाला यह तीसरा फिल्म उत्सव गोरखपुर और आसपास से आए फिल्म प्रेमियों का अड्डा बना रहेग. कन्वीनर संजय जोशी इसे पिछले दो उत्सवों से भी ज़्यादा उत्साहजनक कहते हैं.
इस बार थी थीम है- विस्थापन और विभाजन के साठ साल. यहाँ दिखाई जाने वाली सभी फिल्में कमोबेश इसी थीम के इर्द-गिर्द होंगी जोकि प्रतिरोध का सिनेमा की ब्रॉडर थीम का ही हिस्सा हैं. हम पहले ही बता चुके हैं कि यह आयोजन जन-भागीदारी अर्थात किसी सरकारी-ग़ैर सरकारी ग्रांट या मदद के बिना ही किया जाता है. भागीदारों की आवभगत के अलावा आयोजक, अन्य किसी प्रकार का लोभ आदि प्रस्तावित नहीं करते. इसमें पहुँचने का सबसे बडा लोभ यही है कि आप युवाओं और जिज्ञासुओं के टटके सवाल और माहौल की वर्जिन सरगर्मी से रूबरू होते हैं.
यूनिवर्सिटी कैंपस में होने के नाते इसमें ऊर्जा का अहसास हमेशा बना रहता है. नाटकों, विचार गोष्ठियों और जन गीतों के अलावा किताबों के स्टाल, पोस्टर प्रदर्शनियाँ और कवि-गोष्ठी इस आयोजन को अनूठा बनाती हैं. इस बार की कवि गोष्ठी में हिस्सा लेने दिल्ली से भी कई प्रख्यात कवि गोरखपुर पहुँच चुके हैं- देवीप्रसाद मिश्र, मंग़लेश डबराल और दिनेश कुमार शुक्ल की ख़बर तो ये पंक्तियाँ लिखी जाने तक पुष्ट हो चुकी है कि वे गोरखपुर में हैं. वीरेन डँगवाल आज बरेली से पहुँचेंगे. फेस्टिवल की स्मारिका का कल विमोचन भी हुआ. इसका संपादन मंगलेश डबराल ने किया है. अन्य लेखों के अलावा इसमें विष्णु खरे और अजय कुमार के लेख इस स्मारिका को संग्रहणीय बनाते हैं. विष्णु खरे से कथाकार योगेंद्र आहूजा ने बातचीत करके जो लेख बनाया है उसमें विष्णु खरे विस्थापन पर बनी फिल्मों का जायज़ा तो ले ही रहे हैं, वे फिल्मों मे इस थीम की थोडे बडे फलक पर पडताल भी कर रहे हैं. अजय कुमार ने बच्चों की फिल्मों पर लिखा है. गोरखपुर में सिनेमा संस्कृति और एक पिक्चर हॉल के बहाने एक रोचक लेख भी इसमें पढा जा सकता है.प्रदीप प्रियो ने ऋत्विक घटक के साथ यात्रा के दौरान हुई एक आकस्मिक मुलाक़ात का बडा ही पैशनेट वर्णन लिखा है....
फिल्मोत्सव जारी है पहुँचिये.
गोरखपुर में संजय जोशी , मनोज सिंह और अशोक चौधरी के फ़ोन खुले हैं...नंबर क्रमशः इस प्रकार हैं- 09811577426, 09415282206 और 09415356434 . कोई भी गपास्टिक इन नंबरों पर की जा सकती है...सहयोग भी आमंत्रित है.

Tuesday, February 19, 2008


Gorakhpur Film Festival 2008 Invites all our friends through out the world...

Saturday, February 16, 2008

Saturday, February 2, 2008

Reminder for contribution for 3rd Film Festival

Dear well wishers of Gorakhpur Film Festival,
Please contribute as soon as possible for forthcoming film festival to be held in Gorakhpur from February 23 to 26, 2008. We are glad to share this information that Mr. MS Sathyu has given consent for being our chief guest. We are showing "Garm Hawa" as our inaugural film.

With best wishes,
Convener
3rd Gorakhpur Film Festival