Sunday, February 24, 2008

फ़िल्म फ़ेस्टिवल में आज का दिन रहा बच्चों के नाम!

एमएस सथ्यू ने भी माना कि उन्होंने दुनिया भर के फिल्म उत्सवों से अलग एक नई ऊर्जा का संचार महसूस किया है. वे गोरखपुर फिल्म उत्सव में मुख्य अतिथि हैं और फिल्म प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र.
आज का दिन युगमंच नैनीताल के नर्तक दल की नृत्य प्रस्तुतियों और लोकगीतों से हुआ. उत्तराखंड के नृत्य सबको बहुत भाए.
बच्चों के लिये आज ख़ास दिन था.आसमान गिर रहा है(एनिमेशन), गौरैया की चंपी, ईरानी फिल्म चूरी,सत्रह छोटी फ़िल्मों की शृंखला ओपेन अ डोर, गा-गा-गा, हेलो, एक गुड्डॆ के कारनामें और चार्ली चैप्लिन की द किड देखने कोई ढाई सौ बच्चे अपने अभिभावकों के साथ आए और मस्त होकर लौटे. आज के दिन के कार्यक्रमों का संचालन भी बच्चों के हाथ था. हमने उन्हें नन्हीं पतंगें और छोटे उपहार भी दिये. बाक़ी खाना पीना और मस्ती.
रात कोई तीन घंटे लंबी बातचीत भी वीडियो पर रिकॉर्ड की गई जिसमें सथ्यू साहब के साथ वीरेन डंगवाल, रामजी राय, प्रणय कृष्ण, मंगलेश डबराल और योगेंद्र आहूजा समाज और सिनेमा के गहरे प्रश्नों पर विचार करते रहे.

1 comment:

mamta said...

क्या ये आसमान गिरा रहा है (खरगोश वाली ) पुरानी वाली एनीमेशन फ़िल्म है या कोई नई है। भाई पुरानी वाली तो हमे बहुत पसंद थी क्यूंकि अपने बेटों के साथ हम भी खूब कार्टून देखते थे।