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Thursday, September 20, 2007

इन्तज़ार है

हालांकि फ़ेस्टिवल के दिनों में सबकी रेल बनी रहती है लेकिन अशोक चौधरी का उत्साह देखिये...अभी फ़ेस्टिवल को आने में कोई पांच महीने हैं और अभी से उसके आने की राह तक रहे हैं. भई उत्साह हो तो ऐसा!
इसीलिये हम कहते हैं कि गोरखपुर फ़िल्म फ़ेस्टिवल में है कुछ ऐसा जो सबको दीवाना बनाए रहता है।






फ़िल्म फ़ेस्टिवल आयोजन समिति के एक खांटी सिपाही अशोक चौधरी