
अगर आप समय से नहीं पहुंचे तो जगह नहीं मिलेगी।
फ़िल्मों में बिखरी प्रतिरोध की चेतना को प्रतिरोध की कारगर शक्ति बनाने का सांस्कृतिक अभियान
हालांकि फ़ेस्टिवल के दिनों में सबकी रेल बनी रहती है लेकिन अशोक चौधरी का उत्साह देखिये...अभी फ़ेस्टिवल को आने में कोई पांच महीने हैं और अभी से उसके आने की राह तक रहे हैं. भई उत्साह हो तो ऐसा!